PM मोदी की सेवानिवृत्ति को लेकर उठ रही अटकलों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने स्पष्ट जवाब दिया है कि संगठन के संविधान में 75 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट का कोई नियम नहीं है। यह बयान उस समय आया है जब मोदी सितंबर में 75 वर्ष के हो जाएंगे और विपक्षी दल उनके भविष्य को लेकर सवाल उठा रहे हैं। RSS ने मोहन भागवत के पुराने बयान को संदर्भ से बाहर बताया और कहा कि हर संगठन को अपने नियमों के अनुसार काम करना चाहिए।
साथ ही, संघ ने बंगाल में अपने विस्तार की योजना को प्राथमिकता दी है, जहां अक्टूबर तक 2,018 नई शाखाएं स्थापित करने का लक्ष्य है। हालांकि, राजनीतिक हिंसा और प्रशासनिक अड़चनों को संगठन ने बड़ी चुनौती बताया है। RSS ने राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की, जैसे समान जनसंख्या नीति, अनुच्छेद 30 में संशोधन, और बहुभाषी राष्ट्र की अवधारणा। बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित हमलों को लेकर भी संगठन ने चिंता जताई और धार्मिक सह-अस्तित्व की अपील की। अंततः, RSS ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा कि वे 2029 तक देश का नेतृत्व करते रहेंगे, जिससे विपक्ष की अटकलों को खारिज किया गया।
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बंगाल में RSS का फोकस
RSS ने पश्चिम बंगाल को संगठनात्मक विस्तार के लिए प्राथमिकता दी है। अक्टूबर तक देशभर में एक लाख शाखाएं स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 2,018 शाखाएं बंगाल में होंगी। हालांकि, राजनीतिक हिंसा और प्रशासनिक अड़चनों को संगठन ने बड़ी चुनौती बताया है। मोहन भागवत के कार्यक्रमों के लिए अनुमति न मिलने पर RSS को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।
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राष्ट्रीय मुद्दों पर संगठन का रुख
- समान जनसंख्या नीति की मांग
- अनुच्छेद 30 में संशोधन की वकालत
- संपर्क भाषा के साथ बहुभाषी राष्ट्र की अवधारणा
- चीन सहित सभी देशों से संबंध, लेकिन राष्ट्रीय प्रभुता सर्वोपरि
बांग्लादेश में हिंदुओं पर चिंता PM
RSS ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित हमलों पर चिंता जताई और सभी धार्मिक समुदायों के बीच शांति की अपील की। RSS ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को 2029 तक समर्थन देने की बात कही, जिससे विपक्ष की रिटायरमेंट संबंधी अटकलों को खारिज किया गया। संगठन ने बिहार की 13,000 करोड़ की परियोजनाओं और बंगाल में विस्तार को देश के विकास और एकता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
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